सिवान और छपरा में जहरीली शराब कांड: 65 लोगों की मौत, पुलिस ने कार्रवाई तेज की
पटना: बिहार के सिवान और छपरा में जहरीली शराब पीने से अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है। यह घटना राज्य में शराबबंदी की स्थिति पर सवाल उठाने वाली है और स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। यह घटना तब हुई जब कुछ लोग त्यौहार के मौके पर अवैध रूप से शराब का सेवन कर रहे थे।
घटना के बाद से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है, और उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और शराब तस्करों को गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि कई मृतक एक ही स्थान पर इकट्ठा होकर जहरीली शराब का सेवन कर रहे थे। पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है और कई लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि वे इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह जहरीली शराब कैसे तैयार की गई और इसे किस प्रकार वितरित किया गया।
छपरा के एसपी ने बताया कि हमने कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही, उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सिवान और छपरा के अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिकित्सकों ने लोगों को सलाह दी है कि वे अवैध शराब का सेवन न करें और किसी भी तरह की शराब के सेवन से बचें।
इस घटना ने बिहार में शराबबंदी की स्थिति पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार की शराबबंदी की नीति पूरी तरह से विफल हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अवैध शराब का कारोबार राज्य में फल-फूल रहा है, जिससे लोगों की जान जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब की बिक्री लगातार जारी है। कई क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से यह कारोबार फल-फूल रहा है। अब लोगों की मांग है कि सरकार इस मामले में ठोस कदम उठाए और अवैध शराब के कारोबार को समाप्त करे।
इस बीच, मृतकों के परिवारों को सरकार की ओर से मुआवजा देने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से जो लोग प्रभावित हुए हैं, उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इस tragic incident ने न केवल राज्य में शराबबंदी की नीति को चुनौती दी है, बल्कि इसे लेकर लोगों की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाती है और कैसे अवैध शराब के कारोबार को नियंत्रित करती है।